
हस्तरेखाओं का पाठन (Palm reading) जिसे हस्तरेखा विज्ञान (palmistry) अथवा सामुद्रिक शास्त्र (chiromancy) भी कहते हैं, सारी दुनिया में प्रचलित है। इसका प्रारम्भ भारतीय ज्योतिष शास्त्र एवं जिप्सी भविष्य वक्ताओं से हुआ है। इसका उद्देश्य हस्तरेखाओं के अध्ययन से किसी व्यक्ति के चरित्र अथवा भविष्य का आकलन करना है। चाहे आप शौकिया हस्तरेखाएँ पढ़ने वाले हों, केवल मज़े से समय बिताने के लिए पढ़ने वाले हों अथवा मित्रों को प्रभावित करने के लिए पढ़ने वाले हों आप भी किसी का हाथ अपने हाथ में ले कर अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
विधि 1
रेखाओं को समझना

- एक हाथ का चयन करें: हस्तरेखा शास्त्र या पॉमिस्ट्री में ऐसा कहा जाता है:
- महिलाओं के लिए, दाँया हाथ जन्म के फल का द्योतक होता है और बाँया कर्मों का।
- पुरुषों के लिए स्थिति इसकी उल्टी होती है। बाँया हाथ जन्म का और दाँया कर्मों का द्योतक होता है।
- वैसे तो आप प्रमुखता से उपयोग किए जाने वाले हाथ को तत्कालीन/पिछले जीवन के लिए चुन सकते हैं (और प्रमुखता से उपयोग न किए जाने वाला हाथ तब भविष्य का हाथ होगा)।
- इस विषय में अलग अलग विचारधाराएँ हैं। कुछ का कहना है कि बाँया हाथ क्षमताओं का द्योतक होता है अर्थात क्या कुछ हो सकता है, आवश्यक नहीं कि, क्या होगा। और हाथों में परिवर्तन का अर्थ है कि जीवन में या तो कुछ परिवर्तन हो रहा है अथवा ऐसा कुछ किया जाने वाला है जिससे परिवर्तन होगा।